Nature

बम से उड़ा देने की भाजपा विधायक की धमकी आतंकवादी होने की स्वीकारोक्ति- रिहाई मंच, फखरपुर न्यू

बम से उड़ा देने की भाजपा विधायक की धमकी आतंकवादी होने की स्वीकारोक्ति- रिहाई मंच, 

फ़ाइल फ़ोटो रिहाई मंच

कांग्रेस ने किया कुख्यात आईपीएस कल्लूरी का पुर्नवास



लखनऊ 6 जनवरी 2019। रिहाई मंच ने भाजपा विधायक विक्रम सैनी के बम से उड़ा देने की धमकी देने वाले बयान को मोदी का विकास माडल बताया। मंच ने कहा कि खुलेआम हत्या की धमकी देने वाले योगी आदित्यनाथ के राज में विक्रम सैनी ने बम से उड़ाने की धमकी देकर साबित कर दिया है कि उनका आतंकी गिरोहों से मजबूत रिश्ता है। दो वर्ष के कार्यकाल में दंगे न होने की बात करने वाले योगी बताएं कि बलिया से लेकर कासगंज जहां भगवा यात्रा के दौरान तिरंगे का अपमान करते हुए शहरों को आग में झोक दिया गया वो दंगा नहीं तो क्या कोई उत्सव था। मंच ने कहा कि दंगों को उत्सव समझने वाले योगी बताएं कि कासगंज, बहराइच, बाराबंकी, आजमगढ़, मुजफ्फरनगर, कानपुर, झांसी में मुसलमानों पर जो रासुका लगा क्या वो सरकार के मनोरंजन का बहाना है।



रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने हैरत जताई कि जो आईबी, एनआईए, एटीएस, एसटीएफ और दिल्ली स्पेशल सेल एक अदद नजीब को सालों में नहीं ढूंढ़ पाई वो बेगुनाह मुसलमान नौजवानों को आईएस के नाम पर गिरफ्तार करने में कैसे कामयाब हो जाती हैं। सभी खुफिया एजेंसियां मुसलमान नौजवानों को अपने कब्जे में रखती हैं और समय-समय पर उन्हें आईएस द्वारा प्रेरित बताकर गिरफ्तारी दिखाती हैं। बुलंदशहर हो या देश का कोई अन्य शहर हर कहीं संघ परिवार के लोग नंगा नाच कर रहे हैं। अलीगढ़ में दो लड़कों को लड़की से छेड़छाड़ करने के जुर्म में आनन-फानन गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। लेकिन उन लड़कों को नंगा कर उनके साथ मारपीट करने और वीडियो बनाने वालों को आजाद छोड़ दिया गया। विक्रम सैनी का बम से उड़ाने का दिया बयान कोई छोटा अपराध नहीं है, देषद्रोह है। फिर भी पुलिस ने उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की।


योगी आदित्यनाथ के इस बयान पर कि उनके कार्यकाल में दंगा नहीं हुआ पर अवामी काउंसिल के महासचिव असद हयात ने इस बयान को उनकी विचारधारा के अनुरुप बताया। उन्होंने कहा कि उनकी विचारधारा है कि किसी समुदाय विषेष के विरुद्ध हिंसा करना क्रिया की प्रतिक्रिया होती है जो दंड स्वरुप उस समुदाय विशेष के विरुद्ध की गई स्वाभाविक कार्रवाई होती है। कानून की भाषा में इसको अपराध और दंगा ही कहा जाएगा परंन्तु योगी आदित्यनाथ की भाषा में दंगा नहीं है। योगी आदित्यनाथ की भाषा और विचार भले ही कानून और संविधान विशेषज्ञों के लिए हास्यास्पद विषय हों परन्तु योगी के विचारों में यह अपराध नहीं बल्कि दंड है। अब हमें आकलन करना होगा कि योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में कानून और संविधान से परे जाते हुए ऐसे कितने प्रतिक्रिया में हिंसा कारित हुई और कितनों को दंड मिला। क्या यह घटनाएं कानून के अंतर्गत अपराध नहीं हैं और क्या मुख्यमंत्री का राजधर्म उन्हें मजबूर नहीं कर रहा है कि वो पीड़ितों को न्याय दिलाएं। कानून के सभी बंधनों को तोड़ती हुई यह सरकार खुद अराजकता को कानून मान चुकी है और निर्लज्जता से कह रही है कि उसके कार्यकाल में दंगा नहीं हुआ। बलिया के सिकंदरपुर में लूटपाट-आगजनी और दंगा कराने में स्थानीय भाजपा विधायक की मुख्य भूमिका रही है।


रिहाई मंच नेता रविश आलम ने कहा कि भाजपा विधायक विक्रम सैनी ने कहा कि जिनको असुरक्षा की भावना लगती है उनकी टांगे तोड़ दी जाएंगी। इसी तरह कभी विक्रम सैनी ने उन लोगों की टांग तोड़ दिए जाने की धमकी दी थी जो गाय को माता नहीं कहते। मुजफ्फरनगर कांड 2013 में विक्रम सैनी ने अहम भूमिका निभाई थी इसका ईनाम उन्हें विधायकी के टिकट के रुप में मिला।


रिहाई मंच ने छत्तीसगढ़ में मानवाधिकार उत्पीड़न के लिए कुख्यात आईपीएस कल्लूरी को भ्रष्टाचार विरोधी विभाग का महानिरीक्षक बनाए जाने को नवेली कांग्रेस सरकार की पुर्नवास नीति बताया। मंच ने मानवाधिकार-लोकतंत्र समर्थकों का उत्पीड़न करने वाले कल्लूरी की इस नई तैनाती को कांग्रेसी काल के सलवा जुडुम और आपरेषन ग्रीन हंट की वापसी का सिग्नल कहा

Post a Comment

Previous Post Next Post
Nature
Nature
Nature