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सब्जी उत्पादन के लिए सम्पन्न हुआ 03 दिवसीय प्रशिक्षण

सब्जी उत्पादन के लिए सम्पन्न हुआ 03 दिवसीय प्रशिक्षण


              बहराइच
20 अगस्त। गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच के सभागार में वर्ष भर सब्जी उत्पादन के उद्देश्य से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में 35 प्रवासी श्रमिकों ने भाग लिया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करते हुए प्राध्यापक एवं प्रभारी अधिकारी *डाॅ. एम.पी. सिंह* ने बताया कि सब्जियों की खेती से अन्य फसलों की अपेक्षा कई गुना लाभ होता है। सब्जियों की अच्छी उपज लेने के लिए आवश्यक है कि पोषक तत्वों का उपयोग संतुलित मात्रा में किया जाये जिसके लिए मृदा परीक्षण आवश्यक है। पौधों की वृद्धि और समुचित विकास के लिए 16 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। उन्होनें सब्जियों की खेती में जैव उर्वरक एवं जैविक खाद के उपयोग करने पर बल दिया। जैव उर्वरकों में पाए जाने वाले सूक्ष्मजीव वातावरण से नाइट्रोजन लेकर पौधों को पहुंचाते हैं। डॉ सिंह ने उन्नत परिजात की सब्जियों की जानकारी प्रदान करते हुए प्याज एग्री फाउंड डार्क रेड, टमाटर पुसा रोहिणी, पूसा हाईब्रिड-1, फूल गोभी की पूसा मेघना की खेती करने की सलाह दी। 
कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डाॅ. शैलेंद्र सिंह ने सब्जियों पर आधारित प्रणाली की जानकारी देते हुए बताया कि अधिकांश सब्जियां कम अवधि में पैदा होती है इसलिए इन्हें विभिन्न फसल चक्र में आसानी से समाहित किया जा सकता है। जिससे छोटे और मझोले किसान पूरे वर्ष सब्जियों की खेती करके अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते है। प्रशिक्षण समन्वयक रेनू आर्य ने कहा कि साग व सब्जियां शरीर के उचित विकास एवं अच्छे स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी हैं। इनमें सभी प्रकार के जरूरी पोषक तत्व पाये जाते हैं जो स्वस्थ शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। फल एवं सब्ज़ियों का सेवन करने से हृदय रोग, रक्त में मधुमेह एवं कोलेस्ट्रोल आदि कई प्रकार की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान उद्यान निरीक्षक रश्मि शर्मा ने विभागीय योजनाओं तथा सहायक निदेशक रेशम *डाॅ. एस.बी. सिंह* द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को रेशम विकास कार्यक्रम अपनाकर आत्मनिर्भर बनने हेतु तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।
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