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निर्माणाधीन 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र कैसरगंज का डीएम ने किया निरीक्षण



निर्माणाधीन 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र कैसरगंज का डीएम ने किया निरीक्षण









निर्माणाधीन 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र कैसरगंज का डीएम ने किया निरीक्षण








बहराइच 14 सितम्बर। मा. मुख्यमंत्री की घोषणा के अन्तर्गत त्वरित आर्थिक विकास योजनान्तर्गत रू. 69.75 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन 132 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र कैसरगंज का जिलाधिकारी शुम्भु कुमार ने निरीक्षण किया। उप केन्द्र के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कराये जा रहे कार्यों का जायज़ा लिया तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि निर्माण कार्य निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण कराया जाए।
निरीक्षण के दौरान कार्यस्थल पर मौजूद अधि.अभि. विद्युत पारेषण खण्ड द्वितीय लखनऊ नरेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि 132 के.वी. उपकेन्द्र एवं सम्बन्धित लाइनों के निर्माण कार्य का 57 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। उन्होंने कहा कि निर्धारित तिथि 31 मार्च 2021 तक परियोजना को पूर्ण कर लिया जायेगा। निरीक्षण के समय जिलाधिकारी ने मौजूद अन्य अधिकारियों के साथ परिसर में पौधरोपण भी किया।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कैसरगंज महेश कुमार कैथल पुलिस क्षेत्राधिकारी कैसरगंज अरूण चन्द्र, अधि.अभि. लोक निर्माण खण्ड-1 ए.के. वर्मा, अधि.अभि. जल निगम आर.बी. राम, अधि.अभि. विद्युत पारेषण खण्ड बहराइच फैय्याज़ शब्बर, अधि. अभि. विद्युत वितरण खण्ड कैसरगंज नन्दलाल, अपर संख्या अधिकारी दुगेश सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहै।
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*पाईप लाइन पेयजल परियोजना का जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण*

बहराइच 14 सितम्बर। जनपद के विकास खण्ड फखरपुर के ग्राम गजाधरपुर में नीर निर्मल परियोजना अन्तर्गत भारत सरकार एवं विश्व बैंक द्वारा सहायतित ‘‘गजाधरपुर ग्राम पंचायत पाइप लाइन पेयजल परियोजना’’ का जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अधि. अभि. जलनिगम आर.बी. राम ने बताया कि योजना की स्वृीकति लागत रू 399.06 लाख है। योजनान्तर्गत ग्राम पंचायत गधारपुर के 09 मजरे आच्छादित हैं। योजना को संचालित कर अब तक 472 नग हाउस कनेक्शन दिये जा चुके है तथा शेष हाउस कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है।
जिलाधिकारी ने अधि. अभि. जलनिगम को निर्देश दिया कि परिजनों का कार्य शीघ्र पूर्ण करते हुए पाइप लाइन पेयजल योजना को पूरी क्षमता से संचालित कर सभी लक्षित घरों को कनेक्शन उपलब्ध कराया जाय। श्री कुमार मौजूद ग्रामवासियों से पाइप लाइन पेयजल परियोजना के बारे में फीडबैक भी प्राप्त करने पर ग्राम वासियों द्वारा संतोषजनक व्यक्त किया गया। जिलाधिकारी ने ग्रामवासियों से पेयजल परियोजना का भरपूर लाभ उठाये जाने की अपील की।
इस अवसर पर उप जिलाधिकारी कैसरगंज महेश कुमार कैथल पुलिस क्षेत्राधिकारी कैसरगंज अरूण चन्द्र, अधि.अभि. लोक निर्माण खण्ड-1 ए.के. वर्मा, अपर जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी दुगेश सिंह सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहै।
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*नोडल अधिकारी ने किया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रमपुरवा का निरीक्षण*
*तहसील महसी में की बाढ़ राहत की समीक्षा*

बहराइच 14 सितम्बर। कोविड-19 एवं बाढ़ राहत कार्य के अनुश्रवण हेतु शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी विशेष सचिव, पंचायती राज, उ.प्र. शासन राकेश कुमार ने नान कोविड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रमपुरवा का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया तथा मौके पर मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। महसी क्षेत्र के भ्रमण के दौरान नोडल अधिकारी तहसील महसी अन्तर्गत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में संचालित बचाव एवं राहत कार्यों की भी समीक्षा की।
उपस्थित उपजिलाधिकारी, महसी श्री एस0एन0 त्रिपाठी द्वारा अवगत कराया गया कि तहसील महसी के अन्तर्गत 47 राजस्व गाॅव के बाढ़ से प्रभावित परिवारों को तहसील अन्तर्गत संचालित 15 बाढ़ चैकियों पर आज दिनांक 14.09.2020 तक क्रमिक रूप से 17464 प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री किट उपलब्ध करायी जा चुकी है। वर्तमान समय तक 5400 लोगों को तारपोलीन शीट, 09 जनहानि के सापेक्ष रू. 36 लाख, क्षतिग्रस्त पक्के व कच्चे मकानों तथा झोपड़ी अनुमन्य सहायता राशि की धनराशि का भुगतान कराया जा चुका है। उक्त बाढ़ आपदा में तहसील के अन्तर्गत 64606 जनसंख्या प्रभावित हुई है, जिसके सापेक्ष 25465 लंच पैकेट वितरित किये जा चके है। नदी में समाहित कुल भूमि 139.690 व कृषि योग्य प्रभावित भूमि 9120.469 हे0 प्रभावित हुई है। नोडल अधिकारी ने निर्देश दिया कि सभी लोगों को सरकार द्वारा राहत व मदद पहुॅचायी जाय।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रमपुरवा के निरीक्षण के दौरान डाॅ. अभिषेक अग्निहोत्री द्वारा बताया कि केन्द्र अन्तर्गत अब तक 20 कोरोना वायरस से संक्रमित मामले पाये गये है, जिसमें से 02-02 मरीज़ एल-1 व एल-2 में भर्ती हैं जबकि 16 लोग होम आईसोलेट किया गया है। केन्द्र अन्तर्गत 07 कन्टेनमेन्ट ज़ोन हैं। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय की साफ-सफाई संतोषजनक पायी गयी तथा कोविड हेल्प डेस्क क्रियाशील पाया गया। निर्देश दिया गया कि सुरक्षात्मक पोटोकाल का पालन करते हुए अपने को सुरक्षित रखते हुए मरीज़ों का समुचित उपचार किया जाय तथा प्रतिदिन चिकित्सालय परिसर की साफ-सफाई करायी जाय। सी.एचसी. के निरीक्षण के दौरान एसडीएम एस.एन. त्रिपाठी व नोडल अधिकारी के लाइज़न आफिसर पंकज शर्मा मौजूद रहे।
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*रेशम उत्पादन विषयक 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारम्भ*

बहराइच 14 सितम्बर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अन्र्तगत रेशम उत्पादन विषय पर प्रवासी श्रमिकों हेतु तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
प्रशिक्षण का शुभारंभ करते हुए केंद्र के प्रभारी डॉ0 एम0पी0 सिंह ने बताया कि जनपद में किसानों की आय को दोगुना करने में रेशम उत्पादन एक बेहतर साधन बन सकता है। उन्होनें बताया कि रेशम की खेती तीन प्रकार से होती है मलबेरी की खेती, तसर खेती एवं ऐरी खेती। रेशम प्रोटीन से बना एक रेशा है। सबसे अच्छा रेशम शहतूत की खेती से प्राप्त होता है। रेशम कीट अपनी प्यूपा अवस्था में शरीर के चारों ओर रेशमी धागा बनाकर अपने आप को धागे के बीच बंद कर लेता है जिसे कोया कहते हैं। इस प्रकार रेशम का धागा प्राप्त किया जाता है। डॉ सिंह ने बताया कि रेशम की खेती से किसान प्रतिवर्ष एक लाख रूपये तक का मुनाफा कमा सकता है।
प्रशिक्षण के अतिथि उप-निदेशक रेशम डॉ. एस. पी. सिंह ने विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रेशम उत्पादन के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की अनुदानित योजनाएं संचालित की जा रही है। जिससे बहुत सारे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. आर. के. पांडेय ने रेशम की सूड़ी में लगने वाले कीट प्रबंधन आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण समन्वयक रेनू आर्य ने रेशम उत्पादन बिक्री एवं विपणन हेतु जानकारी दी और उन्होंने बताया कि रेशम उत्पादन का विदेशों में अच्छा बाजार होने से निर्यात की संभावनाएं काफी उज्जवल है।
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