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प्रशिक्षुओं ने संविदा प्रस्ताव के विरोध में मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन

प्रशिक्षुओं ने संविदा प्रस्ताव के विरोध में मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन

*संवाददाता भूजवु की स्पेशल रिपोर्ट
श्रावस्ती। डी,एल, संयुक्त प्रशिक्षु  मोर्चा उत्तर प्रदेश के सभी कार्यकारिणीयों ने मिलकर श्रावस्ती के डीएम को ज्ञापन देते हुए निवेदन किया है कि,माननीय मुख्यमंत्री महोदय उत्तर प्रदेश जिला अधिकारी महोदय कार्मिक विभाग द्वारा प्रस्तावित सरकारी विभाग समूह ख एवं ग के पदों पर नियुक्त संविदा पर एवं विनियमितीकरण नियमावली 2020 के लागू ना किए जाने का समरानिया निवेदन किया कि दिनांक 13/09/2020 को समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई की प्रदेश सरकार सरकारी विभाग समूह ख एवं ग के पदों की नियुक्ति संविदा पर योग विनियमितीकरण,नियमावली 2020 को लाने के विचार में हैं।आपके इस विषय में निवेदन प्रस्तुत है,की समाचार पत्रों की सूचना के अनुसार यह नियमावली पूर्व में गतिमान भारतीयों पर भी लागू होगी आपसे निवेदन है कि पिछले 4 वर्षों से भी अधिक समय आनेक भारतीयों के परिणाम लंबित हैं। उनके परिणाम कब आएंगे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है और यदि परिणाम आ भी जाते हैं तो उसके बाद भी संविदा पर नियुक्ति और संविदा पर आधारित मानदेय प्रतियोगी अभ्यार्थी कि उन तमाम आशाओं पर कलंक साबित होगा जिससे अपने लिए और अपने परिवार के लिए अपने प्रदेश के लिए और अपने देश के लिए देखा है।अतः समाचार पत्रों की सूचना के अनुसार नैतिकता देशभक्ति कर्तव्य परायणता जैसे मुद्दों की जांच के लिए नियमावली प्रस्तावित है। महोदय विभागीय स्तर पर नैतिकता कर्तव्य परायणता जांचने की पहले से ही कई नियम विद्यमान हैं ऐसे में नए नियम प्रतियोगी अभ्यार्थियों के लिए एक विषय का कार्य करेंगे।
वर्षीय संविदा अधिक भ्रष्टाचार और उगाही को प्रेरित करेगी वहीं दूसरी ओर संविदा कर्मी को स्वतंत्र रूप से कार्य करने में भी बाधा उत्पन्न करेगी।और भर्ती परीक्षा का उद्देश्य ही योग्य का चयन होता है ऐसे में एक बार योग चयनित व्यक्ति को पांच वर्ष बार-बार योग्यता सिद्ध करनी होगी और उसके बाद उसे अस्थाई कर दिया जाएगा लेकिन इसकी क्या गारंटी होगी कि पांच वर्ष अवधि के बाद व योग बना रहेगा ऐसे तो वह अनंत काल तक योग्यता परीक्षण की प्रक्रिया बनकर रह जाएगी जिस पर प्रदेश को संपूर्ण ढांचा अस्त-व्यस्त हो जाएगा।अतः महोदय आपसे निवेदन है कि इस तरह के किसी भी नियमावली के प्रस्ताव की कैबिनेट के द्वारा मंजूरी न दी जाए।जहां एक और भ्रष्टाचार और शोषण को बढ़ावा देगा वहीं दूसरी ओर प्रतियोगी अभ्यार्थियों को अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने पर विवश होना पड़ेगा।
श्रावस्ती जिला अधिकारी को ज्ञापन देते हुए मौजूद लोग, विकास वर्मा, सतीश दिवाकर, आनंद मोहन पांडे, नरेंद्र वर्मा, अमित कुमार मिश्रा, अरुण यादव, गंगाराम, चंदन गुप्ता, बदरुज्जा, विक्रम यादव, अखिलेश यादव, सुधांशु,अतुल, श्रीवास्तव, हरिओम, राहुल, राजकुमार उपाध्याय, संदीप, मुकेश व अन्य लोग मौजूद रहे
 फखरपुर की आवाज़ के लिए हनीफ की रिपोर्ट

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