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सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने किया जन सुविधा परिसर का शुभारम्भ

सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा ने किया जन सुविधा परिसर का शुभारम्भ


बहराइच 11 सितम्बर। प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री मुकुट बिहारी वर्मा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर कैसरगंज में निर्मित जन सुविधा परिसर का फीता काटकर शुभारम्भ किया। इस अवसर पर श्री वर्मा ने कहा कि कैसरगंज क्षेत्र की जनता बहुत दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र परिसर कैसरगंज में जन सुविधा परिसर की मांग कर रही थी उसी के परिपेक्ष्य में उन्होंने अपनी व्यक्तिगत निधि से इस जन सुविधा परिसर का निर्माण कराया है।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि जन सुविधा परिसर के माध्यम से अब क्षेत्रवासियों व चिकित्सालय में भर्ती मरीजों व तीमारदारों को स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि कैसरगंज विधानसभा क्षेत्र में शीघ्र ही ऐसे कई जनसुविधा परिसर बनवाए जाएंगे। जिससे पूरे विधानसभा को इसका समुचित लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि कैसरगंज विधानसभा क्षेत्र में तमाम योजनाएं लागू की गई हैं जो शीघ्र ही मूर्ति रूप लेंगी।
सहकारिता मंत्री ने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब कैसरगंज बाजार स्ट्रीट लाइट से जगमगायेगा। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गयी है। श्री वर्मा ने कहा कि खेती किसानी में किसानों को खाद की समस्या न हो इसके लिए पर्याप्त मात्रा में जनपद बहराइच को उर्वरक की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी है। जनपद के सभी साधन सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध है। किसानों को अब खाद बीज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
सहकारिता मंत्री ने सभी लोगों का आहवान किया कि कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए सभी लोग अनिवार्य रूप से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और मास्क लगाकर ही बाहर निकलें। श्री वर्मा ने कहा कि जनसहभागिता के माध्यम से ही कोविड-19 पर विजय प्राप्त की जा सकती है।  सहकारिता मंत्री ने पुनः लोगों से शरीरिक दूरी का ध्यान रखने तथा नियमित अन्तराल पर हाथों को अच्छी तरह साबुन घोने की अपील की। उन्होंने विश्वास जताया कि कोरोना हारेगा, भारत जीतेगा।
जनसुविधा परिसर के शुभारम्भ अवसर पर विधानसभा संयोजक गौरव वर्मा, एसडीएम महेश कुमार कैथल, सीओ अरुण चंद, पीआरओ कौशलेंद्र विक्रम सिंह, जिला उपाध्यक्ष सुबेद वर्मा, मंडल अध्यक्ष शिव सहाय सिंह, मीडिया प्रभारी नीरज श्रीवास्तव ,पूर्व प्रमुख राम राज वर्मा, गजेंद्र सिंह, प्रभात सिंह, संतोष गुप्ता, विवेक शर्मा, मोहम्मद सरफुद्दीन, अजय सिंह, डॉ. एन.के. सिंह, डॉ. एस.के. सिंह, बुद्धि सागर गुप्ता सहित क्षेत्र के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
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*नोडल अधिकारी ने किया राजकीय महिला पाॅलीटेक्निक, रिसिया व नान कोविड सीएचसी नानपारा का निरीक्षण*

बहराइच 11 सितम्बर। कोविड-19 एवं बाढ़ राहत कार्य के अनुश्रवण हेतु शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी विशेष सचिव, पंचायती राज, उ.प्र. शासन राकेश कुमार ने एल-1 कोविड केयर सेन्टर, राजकीय महिला पाॅलीटेक्निक, रिसिया एवं नान कोविड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नानपारा, बहराइच का निरीक्षण कर साफ-सफाई व व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
एल-1 कोविड केयर सेन्टर, राजकीय महिला पाॅलीटेक्निक, रिसिया के निरीक्षण के दौरान डाॅ0 परिवेश द्वारा बताया गया कि 50 मरीज भर्ती है जिसमें 39 पुरूष तथा 11 महिलाएं है। जिसमें आज 21 मरीज डिस्चार्ज किये गये। कोई भी गम्भीर प्रवृत्ति का नही है। निर्देश दिये गये अपने को सुरक्षित रखते हुए पी0पी0ई0किट पहनकर ही हास्पिटल में प्रवेश करें, प्रतिदिन परिसर की साफ-सफाई एवं सैनिटाइज करायें। 
नान कोविड सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, नानपारा, बहराइच के निरीक्षण के दौरान डा. विजय कुमार व डा अविनाश सिंह द्वारा बताया गया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नानपारा अन्तर्गत वर्तमान में 12 मरीज एल-1 हास्पिटल व होम आईसोलेशन में भर्ती है। निरीक्षण के समय स्वास्थ्य केन्द्र में साफ सफाई संतोष जनक पायी गयी। कोविड हेल्प डेस्क के माध्यम से स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले आगंतुको का परीक्षण किया जा रहा है। नोडल अधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये सोशल डिस्टेन्सिंग का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए और लोगो को मास्क प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए। सीएचसी नानपारा के निरीक्षण के दौरान नायब तहसीलदार मनीष कुमार व नोडल अधिकारी के लाइज़न आफिसर पंकज शर्मा भी मौजूद रहे।
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*वन मुख्यालय बहराइच स्थित शहीद स्मारक पर मनाया गया राष्ट्रीय वन शहीद दिवस*

बहराइच 11 सितम्बर। राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर बहराइच वन प्रभाग तथा कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग द्वारा वन मुख्यालय बहराइच पर स्थापित शहीद स्मारक पर शहीदों की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप जिलाधिकारी सदर सौरभ गंगवार आई.ए.एस., वन संरक्षक/डीएफओ कतर्नियाघाट ज्ञान प्रकाश सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी बहराइच मनीष सिंह, एसडीओ नानपारा पी.एस. त्रिपाठी, एसडीओ कतर्नियाघाट यशवन्त, एसडीओ प्रशिक्षु अजीत सिंह सहित दोनों वन प्रभागों के मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शहीदों की स्मृति में 02 मिनट का मौन रखा तथा शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
इस अवसर पर डी.एफ.ओ. मनीष सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय वन शहीद दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष 11 सितम्बर को राजस्थान में सन् 1730 में 360 शहीदों की स्मृति में मनाया जाता है। 11 सितम्बर 1730 को राजा जोधपुर द्वारा खेजरी के वृक्षों को काटने का आदेश दिया था। विश्नोई जनजाति के द्वारा खेजरी प्रजाति के वृक्षों को पूजनीय मानते हुए उक्त कटान का विरोध किया गया। जिसके विरुद्ध कार्यवाही करते हुए विश्नोई समुदाय के 360 सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी। उसी उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 11 सितम्बर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। बहराइच जनपद में भी 2 अक्टूबर 1992 को ककरदारी रेंज (वर्तमान में श्रावस्ती वन प्रभाग) में स्व. राजेश कुमार श्रीवास्तव, वन रेंजर तथा स्व. सुलेमान वाचर की वन तस्करों द्वारा वनों की सुरक्षा करते हुए हत्या कर दी गयी थी। इन्ही शहीदों के सम्मान में बहराइच वन मुख्यालय में शहीद स्मारक बनाया गया है।
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*तिलहनी फसलों के बीज उत्पादन के लिए के सम्पन्न हुआ 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम*

बहराइच 11 सितम्बर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र बहराइच प्रथम के सभागार में गरीब कल्याण रोजगार अभियान अन्तर्गत 08 से 10 सितम्बर 2020 तक संचालित 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर सभी 35 श्रमिक प्रवासी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर केन्द्र के प्रभारी डाॅ. एम.पी. सिंह ने प्रतिभागयिों का आहवान किया कि प्रशिक्षण का भरपूर लाभ उठाते हुए तिलहनी फसलों के लिए बीज तैयार कर अपनी आय में इज़ाफा करें। उन्होंने सुझाव दिया कि बीज की अनुवांशिक शुद्धता शत-प्रतिशत होनी चाहिए तभी कोई बीज उत्तम कोटि का माना जायेगा। डाॅ. सिंह ने यह भी बताया कि उच्च कोटि के बीज को रोग रहित, खरपतवार के बीजों से मुक्त तथा अुकुरण क्षमता उत्कृष्ट होनी चाहिए।
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आर.के. पाण्डेय ने प्रतिभागियों का सलाह दी कि उन्नत बीज उत्पादन के लिए उन्नत प्रजातियों का चयन अतिआवश्यक है। इसके अलावा पृथक्करण दूरी एवं दूसरी प्रजाति के पौधों को समय-समय पर निकालना एवं उचित नमी पर भंडारण करना भी बहुत ज़रूरी है। डाॅ. पाण्डेय ने यह भी सलाह दी कि उच्च कोटि के बीज उत्पादन हेतु विधायन एवं उचित रख-रखाव में पूरी सावधानी अवश्य बरतें। प्रशिक्षण समन्वयक रेनू आर्य ने बीज के प्रमाणीकरण संस्था एवं प्रक्रिया और बीज के सत्यापन, टैग आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम के अन्त में प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र का वितरण किया गया।
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*जनपद के 08 अलग-अलग स्थान घोषित किये गये कन्टेनमेन्ट ज़ोन*
बहराइच 11 सितम्बर। जनपद के तहसील सदर बहराइच अन्तर्गत मोहल्ला नाज़िरपुरा पूर्वी, ग्राम टेड़वा व नगरौर, तहसील नानपारा अन्तर्गत ग्राम पिपरिया व मटेरा कलाॅ व तहसील कैसरगंज अन्तर्गत ग्राम नियामतपुर प्रथम में 01-01 व्यक्ति के पीड़ित/संक्रमित पाये जाने तथा तहसील नानपारा ग्राम सिलेटनगंज व तहसील महसी के ग्राम केशवापुर में एक से अधिक पीड़ित/संक्रमित पाये जाने के फलस्वरूप जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सम्बन्धित क्षेत्र को कन्टेनमेन्ट ज़ोन घोषित करते हुए तत्काल प्रभाव से कोविड-19 के फैलाव को रोकने एवं बचाव व नियंत्रण किये जाने के उद्देश्य से सम्बन्धित क्षेत्रों तथा उसके आस-पास के क्षेत्र को निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार 10 सितम्बर 2020 की रात्रि 08ः00 बजे से अग्रिम आदेश तक अस्थायी रूप से सील किये जाने एवं सम्पूर्ण क्षेत्र में प्रवेश एवं निकास तथा वाहनों के संचालन को अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर प्रतिबन्धित किये जाने के आदेश जारी किये गये हैं।
उक्त अवधि में निर्धारित प्रोटोकाल के अनुसार सम्बन्धित ग्राम/मोहल्लों में रहने वाले समस्त व्यक्ति अपने-अपने घरों (इन्डोर) में ही रहेंगे। इस आदेश का उल्लंघन उपरोक्त अधिसूचना के प्रस्तर-15 में प्रदत्त व्यवस्था के अनुसार भा.द.सं. की धारा-188 के अधीन दण्डनीय अपराध माना जायेगा। गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी कन्सालीडेटेड गाईड लाइन्स के क्रम में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन के आदेश दिनांक 16 अपै्रल 2020 के अनुपालन में जिला मजिस्ट्रेट द्वारा कन्टेनमेन्ट ज़ोन के लिए नोडल अधिकारी/सहायक नोडल अधिकारी तथा नोडल पुलिस अधिकारी व सहायक नोडल पुलिस अधिकारियों की तैनाती की गयी है।
जारी आदेश के अनुसार संक्रमण का एक से अधिक प्रकरण (कलस्टर) होने के फलस्वरूप कन्टेनमेन्ट का दायरा 200 मीटर होगा व उसके उपरान्त स्थानीय स्तर पर परिस्थितियों को देखते हुए बफर ज़ोन होगा एवं ग्रामीण क्षेत्र में उक्त राजस्व ग्राम का सम्बन्धित मजरा का निवास क्षेत्र कन्टेनमेन्ट ज़ोन होगा तथा इस गाॅव के ईद-गिर्द पड़ने वाले दूसरे राजस्व ग्रामों के मजरे बफर ज़ोन में आयेंगे। जबकि कोविड-19 के संक्रमण के एकल प्रकरण वाले शहरी क्षेत्र में 100 मीटर अथवा पूरा मोहल्ला, जो भी कम हो कन्टेनमेन्ट ज़ोन होगा तथा ग्रामीण क्षेत्र में राजस्व गांव का सम्बन्धित मजरा कन्टेनमेन्ट ज़ोन होगा।
कन्टेनमेन्ट ज़ोन क्षेत्रों के अन्दर एवं बाहर किसी भी व्यक्ति, वाहन इत्यादि को आवागमन की अनुमति नहीं होगी, सिवाय ऐसी स्थिति के जो चिकित्सीय आपातकालीन स्थिति और आवश्यक वस्तुओं/सेवाओं की आपूर्ति से सम्बन्धित हों। कन्टेनमेन्ट ज़ोन में अन्तिम धनात्मक रोगी के सैम्पल कलेक्शन की तिथि से 14 दिनों तक सम्बन्धित क्षेत्र कन्टेनमेन्ट ज़ोन बना रहेगा। यदि उक्त तिथि के 14 दिन उपरान्त तक सम्बन्धित क्षेत्रों में कोई अन्य केस नहीं पाया जाता है तो कन्टेनमेन्ट ज़ोन को सूची से विमुक्त कर दिया जायेगा।
जिला मजिस्ट्रेट द्वारा नामित मजिट्रेटों/पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि कोविड-19 के फैलाव को रोकने एवं बचाव व नियंत्रण के दृष्टिगत कन्टेनमेन्ट ज़ोन की बैरीकेटिंग कराते हुए शासन द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुरूप सुरक्षात्मक प्रोटोकाल एवं सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन कराना सुनिश्चित करेंगे। इस आदेश का उल्लंघन पाये जाने पर डिजास्टर मैनेजमेन्ट एक्ट, 2005 की धारा-51 से 60 तथा भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 में दिये गये प्राविधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी।
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*ग्रीन जोन में परिवर्तित हुए 21 कन्टेनमेन्ट ज़ोन*
बहराइच 11 सितम्बर। तहसील नानपारा के थाना नवाबगंज के ग्राम रामनगर सेमरा व हरिहरपुर, थाना रूपईडीहा के ग्राम सर्वनतारा, थाना मटेरा के मटेरा चैराहा, थाना खैरीघाट के ग्राम गुजरातीपुरवा, कोतवाली नानपारा के ग्राम कोल्हवा व रजवापुर, तहसील सदर के कोतवाली देहात के ग्राम चाइनपुरवा आदिलपुर व शेखदहीर, थाना रिसिया के ग्राम मोहम्मदनगर, कोतवाली नगर के मोहल्ला सत्तीकुआॅ, तहसील कैसरगंज के थाना फखरपुर के ग्राम नकुड़ा, थाना जरवल रोड के ग्राम कैरियासिंह पुरवा, थाना हुज़ूरपुर के ग्राम बैसनपुरवा, तहसील पयागपुर के थाना विशेश्वरगंज ग्राम कोटरवा व चन्द्रहवा, तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) के थाना मोतीपुर के ग्राम सलारपुर, तहसील महसी के थाना रामगाॅव के ग्राम नौनपुरवा, थाना हरदी के ग्राम चाॅदपारा, दहवा व महाराजगंज में कोविड-19 के पीड़ित/संक्रमित व्यक्ति पाये जाने के फलस्वरूप घोषित किये गये हाट स्पाट/कन्टेनमेन्ट ज़ोन को मुख्य चिकित्साधिकारी बहराइच की संस्तुति के आधार पर शासन के प्राविधानानुसार 14 दिनों से इस क्षेत्र में कोई पाजिटिव कोविड-19 मरीज की पुष्टि न होने के कारण जिलाधिकारी ने हाट स्पाट/कन्टेनमेन्ट जोन को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया है।
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*कैशलेस/डिजिटल भुगतान प्रणाली से आच्छादित होंगे फुटकर उर्वरक बिक्री केन्द्र*
बहराइच 11 सितम्बर। जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि निदेशक (डी.बी.टी.) उर्वरक विभाग, रासायन एवं उर्वरक मन्त्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा निजी/सहकारिता क्षेत्र के फुटकर उर्वरक विक्रेताओं के उर्वरक बिक्री केन्द्रों पर कृषकों द्वारा उर्वरक क्रय करने के लिए कैशलेस/डिजिटल भुगतान प्रणाली के क्रियान्वयन तत्काल सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिये गये हैं। इस सम्बन्ध में समस्त निजी/सहकारिता क्षेत्र के फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिये गये हैं कि अपने आउटलेट पर यूपीआई क्यू आर कोड (पी2एम) अपने बैंक से अथवा अन्य भुगतान के तरीके जैसे जी-पे, पे-टीएम, फोन-पे, अमेज़न-पे इत्यादि से प्राप्त करेंगे साथ अपने काउण्टर्स पर क्यूआर कोड (क्वीक रिसपान्स कोड) को प्रदर्शित करें।
जिला कृषि अधिकारी श्री कुमार ने समस्त निजी थोक/फुटकर उर्वरक विक्रेता, सचिव साधन सहकारी समिति, एग्री जक्शन “वन स्टाप शाप”, आईएफएफडीसी कृषक सेवा केन्द्र, औद्यानिक उत्पादन एवं विपणन सहकारी समिति लि., इफको ई-बाजार व पी.सी.एफ. केन्द्रों को यह भी निर्देश दिया है कि कृषकों को उर्वरक विक्रय से पूर्व सभी बिक्री केन्द्रों पर कैशलेस/डिजिटल भुगतान प्रणाली लागू किया जाना सुनिश्चित करें तथा इसकी सूचना कार्यालय जिला कृषि अधिकारी, बहराइच को अनिवार्य रूप से 07 दिवस के अन्दर उपलब्ध करायें। श्री कुमार ने सचेत किया है कि इस कार्य मे किसी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बरतने पर सम्बन्धित के विरूद्ध उर्वरक नियन्त्रण आदेश-1985 के सुसंगत नियमो के तहत विधिक कार्यवाही की जायेगी।
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*कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण के लिए दिव्यांगजनों से आवेदन आमंत्रित*
बहराइच 11 सितम्बर। जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी बहराइच श्रीमती रेखा गुप्ता ने बताया कि  विभाग द्वारा संचालित कृत्रिम अंग/सहायक उपकरण योजनान्तर्गत कृत्रिम उपकरण यथा ट्राईसाईकिल, बैशाखी, श्रवण यंत्र, व्हीलचेयर, अंधछड़ी, वाकिंग स्टिक आदि कृत्रिम उपकरण निःशुल्क प्राप्त करने हेतु इच्छुक दिव्यांगजन विकास भवन के कक्ष संख्या 10 में स्थित जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी बहराइच में निर्धारित प्रारूप पर आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते हैं।
श्रीमती गुप्ता ने बताया कि ऐसे दिव्यांगजन जिनकी दिव्यांगता का प्रतिशत 40 प्रतिशत से कम न हो, ग्रामीण क्षेत्र की वार्षिक रू. 46,080=00 व शहरी क्षेत्र के लिए रू. 56,460=00 वार्षिक है, अर्ह होंगे। इच्छुक दिव्यांगजन मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत दिव्यांग प्रमाण-पत्र, तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी, पार्षद, ग्राम प्रधान के सतर से निर्गत आय प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड की छायाप्रति, दिव्यांगता दर्शाता हुआ पासपोर्ट साईज़ का फोटोग्राफ और यदि आवेदक अनूसूचित जाति व जनजाति का है जाति प्रमाण-पत्र व मोबाइल नम्बर के साथ आवेदन करना होगा। 
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*शासकीय, अ्र्द्धशासकीय तथा स्कूल-कालेजों के भवनों पर स्थापित करें रूफटाप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली: डीएम*
*जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज सरकार की शीर्ष प्राथमिकता*
बहराइच 11 सितम्बर। जिलाधिकारी शम्भु कुमार ने बताया कि भविष्य के लिए जल संग्रहण करने हेतु जल संचयन के कार्यों को सरकार की प्राथमिकता में सम्मिलित किया गया है। जल शक्ति मंत्री डाॅ. महेंद्र सिंह द्वारा प्रदेश के समस्त जनपदों के समस्त शासकीय अर्द्धशासकीय भवनों तथा स्कूल-कालेजों के भवनों पर अनिवार्य रूप से रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना के निर्देश दिए गए है। इसी दिशा में विशेष प्रयास करते हुए शासन स्तर से लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता/सहायक अभियंता को जनपद स्तर पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना के कार्य की प्रगति का अनुसरण करने हेतु नोडल अधिकारी नामित किया गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि जल संचयन को व्यापक जन सहभागिता के द्वारा जन आंदोलन के रूप दिए जाने की आवश्यकता है। इसमें समस्त नागरिकों से सक्रिय योगदान की अपेक्षा की जाती है कि समस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठानों/औद्योगिक इकाइयो/गैर सरकारी संगठनों एवं कृषको इत्यादि से अनुरोध है कि अपने-अपने कार्य क्षेत्र में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली स्थापित करते हुए जल संचयन के कार्य प्रभावी रूप से किए जाए।
श्री कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के अन्तर्गत भी व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक स्थलों पर जल संचयन के विविध कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें गांव के शासकीय विद्यालयों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना तथा लाभार्थी कृषक के खेतों में तालाब रिचार्ज पिट इत्यादि कार्य सम्मिलित है। इसके लिए खण्ड विकास अधिकारियों से सम्पर्क किया जा सकता है। जल संचयन कार्यों के लिए सुलभ डिजाइन भूगर्भ जल विभाग की वेबसाइट यूपीजीडब्लूडी डाट जीओवी डाट इन व मनरेगा की वेबसाइट नरेगा डाट एनआईसी डाट इन पर अथवा जनपद के भूगर्भ जल विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग से प्राप्त की जा सकती है। इस नई तकनीक के आधार पर कृषक, आम नागरिक, औद्योगिक इकाइयां तथा गैर सरकारी संगठन इस विधि को अपना सकते हैं
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