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हर इंसान की ज़िंदगी अगर रेलगाड़ी है तो पटरियां सुख और दुख हैं जो हमेशा साथ चलती हैं, मगर इंसान की ज़िंदगी मे कुछ हादसे ऐसे होते हैं

हर इंसान की ज़िंदगी अगर रेलगाड़ी है तो पटरियां सुख और दुख हैं जो हमेशा साथ चलती हैं, मगर इंसान की ज़िंदगी मे कुछ हादसे ऐसे होते हैं जिनकी वजह से उस इंसान की ज़िंदगी पूरी तरह बदल जाती हैं मगर उन हादसों को भी मात दे कर उन से लड़ कर कोई आगे निकल जाए ऐसे महान आत्माओं को अंशु राजपूत @anshu_saa कहते हैं
तस्वीर में रक्तदान करती दिख रही शेरोज़ हैंगआउट की संचालक अंशु राजपूत जी के इस नेक काम का टीम @_thebloodman_ शुक्रिया अदा करता है

आइये आपको बताते हैं #शेरोज़_हैंगआउट या #छांव_फाउंडेशन के बारे में,
#एसिड_अटैक की बात की जाए तो वर्ष 1999 से लेकर जून 2019 तक अपने पूरे भारत मे #3412 एसिड अटैक हुए हैं,
आमतौर पे जिन पीड़ितो पे एसिड अटैक होता है उनका आगे का जीवन यापन करना बहुत मुश्किल हो जाता है, इन्ही कठिनाइयों को नज़र में रखते हुए, एक संस्था गठित कर, पीड़ितों को बहुत बड़ा सहारा देने का काम किया, या यूं कहा जाए कि एक नई जिंदगी दी, शेरोज़ हैंगआउट या छाँव फाउंडेशन मेनली एसिड अटैक सर्वाइवर्स #लखनऊ गोमतीनगर स्थित #शेरोज़_कैफ़े में जॉब देते हैं, ताकि वो अपना आगे का जीवन यापन कर सके, यह एक बहुत बड़ा सपोर्ट हैं पीड़ितों के लिए, इसके अलावा पीड़ितों के इलाज के लिए संस्था पूरा खर्च उठाती है, साथ ही कोर्ट केसेज़ में पीड़ित की तरफ से पैरवी कर पूरा सहयोग देती है.. शेरोज़ की 2 शाखाएं जो #आगरा और #उदयपुर में भी हैं.
संस्था 'द ब्लड मैंन' #शेरोज़ के सभी जांबाज़ सदस्यों को सलाम करता है !

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