पंचायत चुनाव में 2015 के आधर पर आरक्षण तय करे सरकार- मा उच्च न्यायालय
27 मार्च तक आरक्षण प्रक्रिया पूरी की जाए।
आज सोमवार को लखनऊ उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिका का निस्तारण कर दिया।
महाधिवक्ता श्री राघवेन्द्र सिंह राज्य के लिए पेश हुए और उन्होंने प्रस्तुत किया कि पंचायत चुनाव में आरक्षण के निर्धारण के लिए आधार वर्ष के रूप में 2015 के आरक्षण मापदंड को लागू करने को लेकर राज्य सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
माननीय न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी और माननीय न्यायमूर्ति मनीष माथुर की खंडपीठ ने एजी के बयान के आलोक में याचिका का निपटारा किया और 2015 को आधार वर्ष के रूप में लेते हुए पंचायत चुनाव में आरक्षण को अंतिम रूप देने का निर्देश दिया।
मा न्यायालय ने आरक्षण प्रक्रिया को 27 मार्च 2021 तक पूरा किए जाने और उसके बाद चुनाव सम्पन्न करवाने का निर्देश दिया:
*बिग ब्रेकिंग
उच्च न्यायालय लखनऊ ने पँचायत चुनाव आरक्षण में 2015 को माना आधार। 1995 के सरकार के आदेश को किया निरस्त। कोर्ट में आधे घंटे की बहस के बाद लिया निर्णय।।*
सरकार को 10 दिन का दिया समय 27 तक पुनः जारी हो आरक्षण सूची ।।।।कोर्ट न दिए आदेश।*
*अब फिर से होगा ग्राम पंचायतों में भारी फेरबदल*
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