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मंडल रेल परिचालन प्रबंधक का आदेश,बन सकती है जान और बड़ी रेल दुर्घटना का कारण

मंडल रेल परिचालन प्रबंधक का आदेश,बन सकती है जान और बड़ी रेल दुर्घटना का कारण

कर्मचारियों ने उठाई मांग, बोले तत्काल अधिकारी ले संज्ञान अन्यथा हो सकता है बडा आन्दोलन..अध्यक्ष प्वाइंट्स मैन एसोसिएशन




गोण्डा....भारतीय रेलवे में परिचालन विभाग के कर्मचारियों को अति संवेदनशील माना गया है। उनकी लापरवाही लाखों जान के ऊपर भारी पड़ सकती है। लेकिन वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सामान्य लखनऊ मंडल के द्वारा एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए स्टेशन मास्टर को प्रताड़ित करने के लिए करने के लिए एक नीति अपनाई जा रही है।जिससे भविष्य में कोई भी भीषण रेल दुर्घटना होने की संभावना बनी ही रहेगी।
वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक सामान्य ने एक आदेश जारी करते हुए स्टेशन मास्टर से रात्रि 12:00 बजे से हर गेटों पर 20 मिनट में नंबर लेना है।  सतर्कता के लिए तथा अगल-बगल के स्टेशनों से 30 मिनट और कंट्रोल को हर 45 मिनट में नंबर का आदान प्रदान करना है। उसी समय ट्रेन संचालन रहता है। स्टेशन मास्टर सभी गेटों पर नंबर देने के साथ-साथ गाड़ी को सही ढंग से संचालित करने के लिए प्रयासरत रहता है। उसी समय अगर भूलवश किसी स्टेशन मास्टर से गेट को नंबर ना दिया गया। गाड़ी संचालन संबंधित और सतर्कता के नंबर दे दे दिया गया तो फिर यह बताइए अगर गेट खुले में पास होती है या कोई दुर्घटना घटित हो जाएगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी?इस सतर्कता आदेश के कारण स्टेशन मास्टर में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि यह नंबर ट्रेन के लिए दिया गया है या सतर्कता के लिए दिया गया है। जबकि नियम के हिसाब से हर इंजीनियरिंग गेटों पर दो नंबर का आदान-प्रदान स्टेशन मास्टर द्वारा किया जाता है। गाड़ी संचालन के लिए उसकी जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा है कि वह कार्य को सही ढंग से कोशिश में दिन-रात शोषण का शिकार होता जा रहा है। प्रशासन द्वारा पहले ही परिचालन विभाग के कर्मचारियों से 12 घंटे के ड्यूटी लिया जा रहा है जिसके कारण रात्रि सतर्कता पूर्वक सभी कर्मचारी ड्यूटी करते हैं और रेलवे आवास में किसी तरीके की सुविधा ना ही है। ना स्टेशन रूम में शौचालय पानी आदि की व्यवस्था है। जबकि, यह आदेश रेलवे बोर्ड या महाप्रबंधक महोदय के कार्यालय की तरफ से नहीं आया है। पहले ही 12 घंटे की ड्यूटी रोस्टर में परिचालन विभाग के कर्मचारियों से कार्य कराकर उनका शोषण किया जा रहा है जिससे मानसिक एवं शारीरिक रूप से प्रताड़ित होते चले जा रहे हैं और अधिकतर कर्मचारी बीमार हो रहे हैं।जबकि रेलवे मंत्रालय की तरफ से आदेश है कि 12 घंटे की रोस्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को 2 घंटे का विश्राम दिया जाएगा परिचालन विभाग के कर्मचारियों को इस तरीके का कोई भी लाभ अधिकारियों द्वारा नहीं दिया जा रहा है सभी कर्मचारी गणों को शौचालय आदि की सुविधा ना होने के कारण खुले में शौचालय के लिए जाना पड़ता है जो कि प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान पर एक धब्बा है।  

मंडल के अधिकारियों द्वारा सिर्फ परिचालन विभाग के कर्मचारियों का शोषण जारी है जिसके कारण बहुत से कर्मचारी वीआरएस लेने के लिए सोच रहे हैं जिससे कर्मचारी कि भविष्य में परिचालन विभाग में समस्या खड़ी हो सकती है परिचालन प्रभावित होने के डर के कारण अधिकारियों द्वारा आदेश जारी कर दिया जाएगा कि कर्मचारियों की कमी के कारण उनको रेस्ट और समय से छुट्टी मिलना बंद हो जाएगा तथा किसी तरीके को उनको लाभ नहीं दिया जाएगा। इंजीनियर विभाग के कर्मचारियों को हार्ड एवं रिस्क अलाउंस का लाभ दिया जा रहा है, जबकि उनसे दुगनी मेहनत और उनसे ज्यादा कठिन कार्य परिचालन विभाग के कर्मचारियों का है। उनको कोई भी लाभ नहीं दिया जा रहा है। अगर भविष्य में किसी तरीके का कोई भी आंदोलन होता है जिससे कि रेल सेवा प्रभावित होगी उसकी समस्त जिम्मेदारी मंडल रेलवे परिचालन प्रबंधक महोदय एवं मंडल रेलवे प्रबंधक महोदय, लखनऊ की होगी।

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