पुलिस चौकी सोनी गुमटी के जिम्मेदारों का जूते पहनकर ध्वजारोहण करने का वीडियो हो रहा वायरल
कानून के रखवाले ही उड़ा रहे हैं धज्जियां
स्वतंत्रता दिवस पर सोनी गुमटी चौकी के जिम्मेदारों ने किया तिरंगे का अपमान
गोण्डा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जिले के नगर कोतवाली अंतर्गत सोनी गुमटी चौकी के जिम्मेदारों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के अपमान करने का मामला प्रकाश में आया है।जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमे जूता पहने पुलिस चौकी के जिम्मेदारों द्वारा ध्वजा रोहण किया जा रहा है। यह वीडियो स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त 2022 को ध्वजारोहण के दौरान का बताया जा रहा है और वीडियो में चौकी के जिम्मेदार जूते पहने जहाँ ध्वजा रोहण कर रहे हैं वहीं इस मौके पर काफी संख्या में पुलिस कर्मी एवं गणमान्य लोग भी खड़े मौजूद दिखाई पड़ रहे हैं।
मालूम हो कि एक तरफ जहाँ केंद्र व प्रदेश की मोदी, योगी की सरकार द्वारा आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर अमृत महोत्सव मनाकर हर घर तिरंगा फहराने और उसके सम्मान किये जाने की बात कही जा रही है और तिरंगे के नाम पर वाहवाही बटोरने का प्रयास किया जा रहा है। इसी के साथ ही राष्ट्रीय ध्वज के सम्मान और गरिमा को ठेस ना पहुंचे इसके लिए उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुख्यालय ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश जारी करते हुए तिरंगे के अपमान, दुरुपोग, फाड़ने, जलाने आदि घटनाओं को कारित करने वालों के विरुद्ध तत्काल कठोर कार्रवाई का निर्देश दिए थे। एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने भी सभी जिलों की पुलिस को विस्तृत निर्देश जारी कर कहीं भी राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने वालों के विरुद्ध तत्काल कठोर विधिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। वहीं पुलिस विभाग के ही जिम्मेदारों के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में जूते पहनकर ध्वजारोहण करने पर प्रतिक्रिया देते हुए विभिन्न लोगों ने इसे तिरंगे का अपमान बताया है और लोगों का कहना है कि जब धार्मिक स्थलों में सम्मान की भावना से जूते चप्पल उतारकर हम जा सकते हैं तो फिर धर्म और जाति से सर्वोच्च देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को जूता पहनकर ध्वजारोहण किया जाना क्या उसका अपमान नहीं है और तिरंगे का इसी प्रकार से सम्मान होना चाहिए ? वहीं हैरत की बात यह है कि इस वीडियो पर अभी तक किसी आला अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं पुलिस मीडिया सेल की नजर नहीं पड़ी और ना ही संज्ञान लिया गया। इस वायरल वीडियो में तिरंगे के अपमान की लगातार आपत्तियों के बाद अब देखना यह होगा कि क्या अपमान करने वाले जिम्मेदार लोगों पर पुलिस व प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जाएगी या फिर साइलेंट मोड अपनाकर नियम-कानूनों के सिर्फ आम जनमानस पर ही लागू होने का संदेश दिया जाएगा।