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थाना कर्नलगंज के एसआई अजय सिंह से जानमाल का खतरा जताते हुए पत्रकार ने एसपी सहित उच्चाधिकारियों से सुरक्षा की लगाई गुहार

थाना कर्नलगंज के एसआई अजय सिंह से जानमाल का खतरा जताते हुए पत्रकार ने एसपी सहित उच्चाधिकारियों से सुरक्षा की लगाई गुहार
(आला अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर संपूर्ण प्रकरण से अवगत कराकर विपक्षी ग्रामप्रधान से दरोगा के सांठगांठ होने और उनके इशारे पर नाजायज उत्पीड़न करने का लगाया गंभीर आरोप, न्यायोचित कार्यवाही की मांग) 

कर्नलगंज, गोण्डा। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम कुंवरपुर अमरहा निवासी एक पीड़ित पत्रकार जीतलाल गोस्वामी ने पुलिस अधीक्षक गोंडा सहित अन्य कई आला अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर संपूर्ण प्रकरण से अवगत कराकर थाना कर्नलगंज के एसआई  अजय सिंह पर विपक्षी ग्रामप्रधान कुंवरपुर अमरहा से सांठगांठ होने और उनके इशारे पर नाजायज उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे जानमाल का खतरा जताते हुए पत्रकार ने सुरक्षा की गुहार लगाई है।

मामला कोतवाली कर्नलगंज में काफी समय से तैनात एसआई अजय कुमार सिंह से जुड़ा है, ट्विटर पर दर्ज कराई गई शिकायत में पीड़ित पत्रकार जीतलाल गोस्वामी ने पुलिस कप्तान सहित कई उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए कहा गया है कि प्रार्थी जीतलाल गोस्वामी ग्राम कुंवरपुर अमरहा (दुर्जन पुरवा) थाना कोतवाली कर्नलगंज गोंडा का निवासी है एवं एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र का पत्रकार है। प्रार्थी  व उसके गाँव के प्रधान से काफी दिनों से चुनावी रंजिश व अन्य कुछ कारणों से विवाद चल रहा है। इसी क्रम में ग्राम प्रधान के ऊपर पूर्व में मुकदमा भी दर्ज है। जिसकी चार्जशीट गोंडा न्यायालय भेजी जा चुकी है। इन्हीं सब रंजिश को लेकर प्रधान द्वारा गाँव के हल्का दरोगा एसआई अजय कुमार सिंह जो कोतवाली कर्नलगंज में काफी दिनों से तैनात हैं, के साथ मिलकर कुछ लोभ लालच देकर हमें आये दिन परेशान किया जा रहा है। जिससे वह काफी त्रस्त हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि हमें कुछ होता है तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी एसआई अजय कुमार सिंह थाना कोतवाली कर्नलगंज की होगी। पीड़ित पत्रकार जीतलाल ने इस संबंध में पुलिस अधीक्षक गोंडा को सोशल मीडिया के माध्यम से ट्वीट कर संपूर्ण प्रकरण से अवगत कराकर थाना कर्नलगंज के एसआई अजय सिंह पर विपक्षी ग्रामप्रधान से सांठगांठ होने और उनके इशारे पर नाजायज उत्पीड़न करने का गंभीर आरोप लगाते हुए उनसे जानमाल का खतरा जताते हुए सुरक्षा की गुहार लगाई है। जिससे कर्नलगंज पुलिस प्रशासन की पत्रकारों के प्रति दूषित मंशा और उत्पीड़नात्मक कारगुजारी उजागर हो रही है। अब गंभीर प्रश्न यह है कि जब पीड़ित शोषित और वंचित लोगों को  न्याय दिलाने और उनकी आवाज उठाने वाले लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकार ही पुलिस प्रशासन से पीड़ित त्रस्त होकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में आम जनमानस एवं पीड़ित लोगों को न्याय और सुरक्षा कैसे मुहैया होती होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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