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गोंडा जनपद में नहीं थम रहा झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला

गोंडा जनपद में  नहीं थम रहा झोलाछाप डॉक्टरों का बोलबाला 
  झोलाछाप डॉक्टर धड़ल्ले से अपने आपको  बी यू एम एस और एमबीबीएस की पद भी देते हैं 
 दरअसल पूरा मामला गोंडा जनपद के   चोटी पुर चौराहे का है   जहां पर कुछ महीनों पहले  एक झोलाछाप डॉक्टर ने  एक गरीब व्यक्ति पिंटू लाल शुक्ला से  उसकी लड़की  के इलाज के  बाबत ₹50000 की ठगी की है  पिंटू लाल शुक्ला की लगभग 4 साल की बच्ची  जिसके पेट के पास एक छोटा सा फोड़ा था उसके ऑपरेशन के नाम पर  और दवा करने के नाम पर  झोलाछाप डॉक्टर दिलीप अधिकारी  ने  लगातार तीन चार महीने  तक इलाज किया  परंतु इलाज का कोई फायदा नहीं हुआ और लड़की  के पेट में स्थित थोड़ा धीरे-धीरे बढ़ करके सेप्टिक बन गया  उसका असर यह हुआ कि लड़की दाएं पैर से  लगभग लंगड़ी हो  गई है  बता दे  ना जानकारी में झोलाछाप डॉक्टर ने  गलत तरीके से  उस लड़की के फोड़े का ऑपरेशन किया  जॉब इन सब समस्याओं का कारण बना  लगभग 2 महीनों के बाद जब  पीड़ित पिंटू लाल शुक्ला  ने अपनी लड़की की हालत को और बदतर बिगड़ते हुए देखा  आनन-फानन में उसे करनैलगंज स्थित किसी  प्रतिष्ठित डॉक्टर के यहां ले गया  जहां पर उचित इलाज होने से  बच्ची ठीक है 
  पीड़ित पक्ष ने इस मामले की शिकायत  मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा से की थी  जिसकी जांच के लिए  मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा ने  सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटरा  बाजार के चिकित्सा अधीक्षक  डॉ वीके सिंह  से 1 सप्ताह के भीतर  पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट  अपनी पटल पर प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे  परंतु  सीएचसी अधीक्षक  द्वारा किसी प्रकार की कोई जांच नहीं की गई है  और मामले में काफी शिथिलता बरती जा रही है  इधर पीड़ित पक्ष का लगातार यह आरोप है  की  पूरे मामले में सीएचसी अधीक्षक कटरा बाजार की भूमिका संदिग्ध है  और लगातार  पीड़ित पक्ष द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है  कि डॉ बीके सिंह जांच नहीं बल्कि हीला हवाली  करके जांच को प्रभावित कर रहे हैं 
  दोषी झोलाछाप डॉक्टर दिलीप अधिकारी   चोटीपुर चौराहे पर एक मेडिकल स्टोर अर्पिता मेडिकल स्टोर के नाम से चलाता है  मेडिकल स्टोर की आड़ में वह लगातार मरीजों  को बरगला करके उनका इलाज भी करता है 
  एक  तरफ  कटरा बाजार के क्षेत्रीय विधायक  बावन सिंह द्वारा  यह भी आरोप लगाया गया है कि डॉ बीके सिंह  द्वारा  दोषी झोलाछाप डॉक्टर दिलीप अधिकारी से हफ्ता बांधा गया है  और वह लगातार चिकित्सा अधीक्षक को हफ्ता भेज रहा है  इसी वजह से कार्रवाई प्रभावित हो रही है 
   तो दूसरी ओर  मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोंडा द्वारा  जांच करा कर आवश्यक कार्रवाई करने  का आश्वासन दिया गया 
  देखना यह है कि कार्रवाई कितनी त्वरित और किस ढंग से और कितनी कठोर होती है
  जब तक झोलाछाप डॉक्टरों पर नकेल नहीं कसी जाएगी तब तक  दवाओं की कालाबाजारी  अनावश्यक गर्भपात और भ्रूण हत्या  इत्यादि पर रोक लग पाना लगभग असंभव है

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