प्रयागराज: मीरगंज में देह व्यापार कराने के 41 दोषियों को 10 से 14 साल कैद की सजाl
प्रयागराज: तस्करी कर रेड लाइट एरिया मीरगंज में लाने के बाद लड़कियों से वेश्यावृत्ति कराने के अपराध में जिला अदालत ने मंगलवार को 41 आरोपितों को सजा सुना दी। पुरुषों को 14 तो दोषी महिलाओं को 10 साल कैद की सजा दी गई है। इन्हें 18 जनवरी को अपर सत्र न्यायाधीश रचना सिंह ने विशेष लोक अभियोजक आरपी सिंह, डीजीसी गुलाब चंद्र अग्रहरि, एडीजीसी अमित मालवीय और गुड़िया संस्था के अधिवक्ता गोपाल कृष्ण के तर्कों को सुनकर दोषी करार दिया था और सजा पर सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तिथि नियत की थी।
वर्ष 2016 में पुलिस और प्रशासन ने कोतवाली थाना क्षेत्र के मीरगंज मोहल्ले में स्थित रेड लाइट एरिया पर कार्रवाई करते हुए करीब 200 लड़कियां, महिलाएं और बच्चों को राजकीय संरक्षण गृह भेजा था। फिर 48 लोगों के खिलाफ एफआइआर लिखी गई थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर एक मई 2016 को एसडीएम सदर की अगुवाई में रेड लाइट एरिया में कार्रवाई करते हुए पीड़िताओं को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया गया था। प्रकरण में सरकार बनाम दुर्गा कामले सहित 48 आरोपितों के खिलाफ सत्र न्यायालय में विचारण किया गया।
इन पर आरोप है कि मानव तस्करी के माध्यम से देश के कई हिस्सों के बालिग व नाबालिग लड़कियों को ले आकर उन्हें बंधक बनाया जाता था। फिर उनकी मर्जी के खिलाफ देह व्यापार कराया जाता था। उनकी खरीद-फरोख्त भी की जाती थी। पीड़िताओं ने अपने बयान में कहा था कि उन्हें उनके मूल स्थान से बहला-फुसलाकर व लालच देकर यहां ले आया गया। इसके बाद जबरन शारीरिक शोषण व देह व्यापार कराया जाता था। अदालत ने कुल 41 अभियुक्तों को अनैतिक व्यापार अधिनियम 1956 और भारतीय दंड संहिता की धारा 370 व 373 के अपराध में दोष सिद्ध पाया है। आरोपितों में 33 महिलाएं हैं।
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