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बच्चों में नए वायरस का खतरा:

बच्चों में नए वायरस का खतरा:
डॉक्टर्स भी

 परेशान, उल्टी-पेट दर्द न करें इग्नोर, हर 8 में से एक बच्चा चपेट में..!!
सबसे बड़ी बात:
जयपुर समेत प्रदेश के दूसरे शहरों में एक नई बीमारी का खतरा पैदा हो गया है। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से जयपुर समेत कई शहरों में बच्चों में उल्टी-दस्त, पेट दर्द और तेज बुखार के केस बढ़ने लगे हैं। शुरुआत में डॉक्टर्स इसे गैस्ट्रो एंटेराइटिस मान रहे थे, लेकिन अधिकांश बच्चों की जांच में अलग-अलग रिजल्ट मिलने के बाद डॉक्टर्स भी आश्चर्य में है कि ये कौन सा वायरस या बैक्टीरिया है। हालांकि यह अभी साफ नहीं है कि यह कोई नई बीमारी है या किसी पुरानी बीमारी के नए लक्षण, लेकिन इसने डॉक्टर्स के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है।

चिंता क्यों जरूरी?: बच्चों में यह बीमारी लाइफस्टाइल से जुड़ी दिक्कतों की वजह से हो रही है।
विशेषज्ञों की मानें तो अचानक तेज गर्मी पड़ने के कारण गैस्ट्रो एंटेराइटिस वायरस एक्टिव हो जाता है। इसमें व्यक्ति को बुखार आता है। बैक्टीरिया और वायरस के कारण आंतों में सूजन आ जाती है।
इससे उल्टी-दस्त और डिहाइड्रेशन होने लगता है। अमूमन इसके पीछे कारण गर्मियों में सुबह का खाना शाम को या शाम का खाना सुबह खाने से होता है।
गंदा पानी पीने, तेज गर्मी और कम पानी पीने के कारण यह समस्या होने की आशंका ज्यादा रहती है। यदि इलाज में देरी हो जाए तो बच्चे की मौत भी हो सकती है।

*ऐसे बच्चों की संख्या कितनी है?:* 
राजस्थान में बच्चों के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल जेके लोन में इन दिनों हर रोज ओपीडी में ऐसे 700-800 केस आ रहे हैं। जिसमें करीब 12 फीसदी बच्चों को एडमिट किया जा रहा है। यानी हर 8 में से एक बच्चा एडमिट हो रहा है। जेके लॉन हॉस्पिटल के डॉक्टर और एसोसिएट प्रो. डॉ. प्रियांशु माथुर के मुताबिक इन बच्चों को 7 दिन तक एडमिट रखना पड़ रहा है। राहत की बात यह है कि इस बीमारी से अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।

*डॉक्टर्स का क्या कहना है?:* एसएमएस हॉस्पिटल के पीडियाट्रिक मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. कैलाश मीणा ने कहा- जयपुर ही नहीं बल्कि जोधपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर समेत प्रदेश के कई शहरों में बड़ी संख्या में बच्चों में इस तरह की शिकायत मिल रही है। इसमें कई बच्चों में गैस्ट्रो एंटेराइटिस वायरस के अलावा कोविड पॉजिटिव और दूसरे बैक्टीरिया व वायरस से संक्रमित होने की भी रिपोर्ट मिल रही है। इसको लेकर डॉक्टर अध्ययन कर रहे हैं कि आखिर ये कोई नई बीमारी तो नहीं है।

जयपुर के जेके लॉन की ओपीडी में रोज 800 मरीज आ रहे। यहां परिजनों की कतार लग रही है।
जयपुर के जेके लॉन की ओपीडी में रोज 800 मरीज आ रहे। यहां परिजनों की कतार लग रही है।
आप कैसे बच सकते हैं?: विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी के इस सीजन में जितना हो सके बच्चों को घर ही रखें। धूप में तो बिल्कुल न निकलें।

उन्हें थोड़ी-थोड़ी देर में सादा पानी, छाछ-लस्सी, जूस या नींबू शिकंजी दें, ताकि उनका शरीर हाइड्रेट रहे। इसके अलावा बाहर के फास्ट फूड आइटम न खाएं।
शादी-समारोह का सीजन है, ऐसे में इन शादियों में बन रहा खाना खाने से बचें, क्योंकि शादियों में बनने वाली मिठाइयां व दूसरे उत्पाद एक-दो दिन पहले बनाए जाते हैं, जिसे खाने से बच्चों के बीमार होने का खतरा बना रहता है।

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