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नवविवाहितों को वितरण करने हेतु सीएचसी कर्नलगंज को दिए गए शगुन किट के वितरण में हुआ बड़ा खेल

नवविवाहितों को वितरण करने हेतु सीएचसी कर्नलगंज को दिए गए शगुन किट के वितरण में हुआ बड़ा खेल
विभागीय अफसरों और ठेकेदारों की सांठ गांठ से हुए खेल का मामला आया सामने। 

एक किट की खरीद पर करीब तीन सौ रुपए का बताया जा रहा है खर्च।

कर्नलगंज सीएचसी प्रशासन शगुन किट के वितरण का विवरण उपलब्ध कराने में आनाकानी करते हुए मामले में लीपापोती कर लाखों रुपए के घपले को हजम करने में जुटा

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक से बीते दिनों इस मामले की हुई शिकायत के बाद किट वितरण में खेल हुआ उजागर।

कर्नलगंज,गोण्डा। स्वास्थ्य विभाग की ओर से परिवार नियोजन के लिए नवविवाहितों को वितरण करने हेतु सीएचसी कर्नलगंज को दिए गए शगुन किट के वितरण में बड़ा खेल सामने आया है। बता दें कि मामला परिवार नियोजन के लिए नवविवाहितों को मिलने वाली नई पहल किट शगुन किट के वितरण में हुए बड़े पैमाने पर हुई धांधली से जुड़ा है। जिसके वितरण में हुई भारी गड़बड़ी का मामला गरमा गया है। वहीं कर्नलगंज सीएचसी प्रशासन उक्त शगुन किट के वितरण का विवरण उपलब्ध कराने में आनाकानी करते हुए मामले में लीपापोती कर लाखों रुपए के घपले को हजम करने में जुटा है। 
मालूम हो कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों को नवविवाहितों को देने के लिए नई पहल किट शगुन किट दी गई थी। स्वास्थ्य केंद्रों से इन शगुन किट को आशा के माध्यम से गांवों के नव विवाहित दंपत्तियों को वितरण किया जाना था। एक किट की खरीद पर करीब तीन सौ रुपए का खर्च बताया जा रहा है।सीएमओ गोंडा की ओर से सामुदायिक केन्द्रों पर मई माह में किट भेजने का निर्देश दिया गया था। स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक से बीते दिनों इस मामले की शिकायत होने के बाद विभागीय अफसरों और ठेकेदारों की सांठ गांठ से हुए इस किट वितरण का खेल उजागर हुआ।बीते सोमवार को संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण के निरीक्षण में स्वास्थ्य केंद्रों को शगुन किट कम दिये जाने का मामला सामने आया था। इसी क्रम में कर्नलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर निरीक्षण करने पहुंचे संयुक्त निदेशक ने जब ब्लॉक कम्युनिटी प्रोग्रेस मैनेजर (बीसीपीएम) से किट के संबंध में जानकारी मांगी तो उन्होंने परिवार नियोजन के लिए दी जाने वाली शगुन किट कम संख्या में मिलने की बात कही। बीसीपीएम ने बताया कि उन्हें 648 किट के बजाय 286 किट देकर हस्ताक्षर करवा लिया गया। कुछ दिन के बाद जब बीसीपीएम ने चीफ फॉर्मासिस्ट अशोक वर्मा तथा परिवार नियोजन के लाजिस्टिक मैनेजर से किट कम मिलने की शिकायत भी की। संयुक्त निदेशक  के स्तर से हुई इस जाँच पड़ताल में अन्य ब्लॉक में भी शगुन किट कम दिये जाने का मामला प्रकाश में आया। बताते चलें कि विभागीय जानकारी के मुताबिक इस शगुन किट में एक जूट के बैग के साथ विवाह पंजीकरण फॉर्म,स्वच्छता बैग, पम्पलेट, तौलिया, बिंदी, कंघी,नेल कटर, दो रुमाल, एक छोटा शीशा शामिल है। साथ ही दो पैकेट कण्डोम, दो गर्भ निरोधक गोलियां, एक पैकेट साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोलियां, तीन आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां और दो प्रेग्नेंसी जांच किट रहती है। मामले में बीते 13 जुलाई को "आखिर कौन हजम कर गया सात हजार शगुन किट" शीर्षक से एक दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेते हुए जिलाधिकारी ने पूरे मामले की जांच करवाकर कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। बताते चलें कि परिवार नियोजन को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नवविवाहितों को वितरित की जाने वाली नई पहल किट (शगुन किट) में गोलमाल का मामला सामने आने से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा है।वहीं खबर को संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी डॉ० उज्जवल कुमार ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। डीएम ने सीएमओ को निर्देशित किया है कि टीम गठित कर किट वितरण में गड़बड़ी मामले की जांच करवाकर दोषियों पर आवश्यक कार्यवाही की जाए। प्रभारी अपर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण डॉ० अनिल मिश्र ने किट वितरण में गोलमाल की सूचना महानिदेशक परिवार कल्याण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक को दी है। ऐसे में शगुन किट वितरण में हुई भारी गड़बड़ी का मामला गरमा गया है। वहीं विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कर्नलगंज सीएचसी प्रशासन उक्त शगुन किट के वितरण का विवरण उपलब्ध कराने में आनाकानी करते हुए मामले में लीपापोती कर लाखों रुपए के घपले को हजम करने में जुटा है।

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